Operation Rahul: पाकिस्तानी फौज पर भारतीय सेना बिजली की तरह कई बार टूटी है. पराक्रम की इस ज्वाला ने हर बार पाकिस्तान को झुलसाया है. लेकिन हर बार पराक्रम की ये कहानियां आप तक नहीं पहुंचीं. कई बार इन्हें आपसे छुपा लिया गया. ऐसे कई वॉर हीरोज़ हैं जिन्होंने शौर्य के शिखर को छुआ लेकिन वो गुमनाम हैं.
आज से ठीक 24 साल पहले 28 अक्टूबर 2000 के दिन भारतीय सेना की 14 गढ़वाल राइफल्स ने भी पाकिस्तान के खिलाफ एलओसी पार करके एक ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसने पाकिस्तान की मशहूर 15 पंजाब बटालियन को कराहने का मौका नहीं दिया था.
पाकिस्तान भी रह गया था हक्का-बक्का
ये भारतीय सेना का ऐसा बदला था, जिसके बाद कायरों की तरह हमला करके कुछ भारतीय सैनिकों का गला काटने वाली पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानी बैट के होश उड़ गए थे और पूरी पाकिस्तानी फौज में हाहाकार मच गया था. लेकिन देश इस सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कुछ नहीं जानता.
लेकिन क्यों ये कहानी आज तक देश के सामने नहीं आई. क्या था ऑपरेशन राहुल, जिसकी दशहत आज तक एलओसी पर तैनात होने वाले पाकिस्तान के हर सैनिक के दिल में बैठी है. इस ऑपरेशन में शामिल 14 गढ़वाल राइफल्स के अफसर और सैनिकों ने 24 साल बाद जी न्यूज पर ऑपरेशन राहुल में बताई.
14 गढ़वाल राइफल्स के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) वीजी खंडारे ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के इस ऑपरेशन में 22 लोग मारे गए थे. 6-7 लापता थे. कुछ घायल थे. उस पोस्ट में हमने करीब चार उनके बंकर ब्लास्ट कर दिए थे. 14 गढ़वाल राइफल्स के कृष्णानंद ने कहा, वो बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक थी आज तक की. आर्मी हेडक्वार्टर ने भी इसको सराहा है...ऐसा आज तक का ऑपरेशन कभी हुआ नहीं.
BAT टीम ने किया था हमला
दरअसल 20 फरवरी 2000. नौशेरा सेक्टर में 17 मराठा पोस्ट पर बैट की टीम ने हमला कर दिया था. इस पर लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे ने कहा, 1999 में कारगिल की लड़ाई हुई थी. शायद पूरी दुनिया समझ रही थी कारगिल की लड़ाई खत्म हो चुकी है. लेकिन कारगिल की लड़ाई शायद खत्म हुई या ना हुई हो लेकिन लाइन ऑफ कंट्रोल के आर पार की लड़ाई चल रही थी. वहां से वह लोग हमारे ऊपर रेड करते थे हम लोग रेड करते थे. ये चल रहा था.
ब्रिगेडियर अमिताभ रॉय ने कहा, हमारी यूनिट लाइन ऑफ़ कंट्रोल में नौशेरा में डुबलीधारा एरिया कहलाता है वहां तैनात थी. उसके बगल में एक और लोकेशन थी कलसियान, जहां 17 मराठा तैनात थी. उनकी एक पोस्ट का नाम अशोक था, उस पर पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने हमला कर दिया था. अशोक पोस्ट एक छोटी पोस्ट थी, जिसमें 9-10 जवान थे. BAT ने पूरी पोस्ट बर्बाद कर दी थी. सबको मार दिया था, जेसीओ को पकड़ कर ले गए थे. बाद में उसको बहुत टॉर्चर करके मारा गया था.
लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे ने कहा, BAT में पाकिस्तान के SSG होते हैं. यानी हमारे जैसे पैरा कमांडोज. इसके अलावा जिहादी आतंकी भी शामिल रहते हैं. उस दौरान इलियास कश्मीरी का नाम बार-बार आता था.
लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे ने कहा, इस हमले से पूरा देश हिल गया. सेना हिल गई थी. बदला तो लेना था. इसके बाद तैयार हुआ बदला लेने का प्लान.
लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे ने कहा, इसकी पूरी तैयारी की. यह ऑपरेशन 27-28 अक्टूबर 2000 की रात को शुरू किया गया और 28 अक्टूबर सुबह 7:45 पर यह ऑपरेशन खत्म हो गया. हमारे लिए महत्व इसका इसलिए है क्योंकि बटालियन ने पहली बार लाइन ऑफ कंट्रोल क्रॉस कर रेड की. जब भारतीय सेना के जवान मुश्किल रास्तों को पार कर एलओसी क्रॉस करके पहुंचे तो अंधाधुंध फायरिंग हुई. ग्रेनेड से हमले हुए. लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद सेना के जवानों ने पाकिस्तान के 22 जवानों को मौत के घाट उतारकर अपने साथियों की शहादत का बदला लिया. ये वो कहानी थी, जो शायद इतिहास के पन्नों में कहीं खो गई थी. लेकिन आज भी सेना इसे अपने लिए फख्र मानती है.
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